महाविद्यालय का परिचय

यह बुन्देलखण्ड बुन्देलों की वीर भूमि है, जहाँ पर सदैव से अपनी आन, बान, मान पर सब कुछ कुर्बान कर देने वाले रणबाँकुरों का अभाव नहीं रहा, देश के गौरव में स्वतन्त्रता संग्राम में यहाँ के वीरों ने अग्रणी भूमिका निभायी है।

बुन्देलखण्ड के हमीरपुर जनपद के हृदय स्वरूप बिवाँर ग्राम में जहाँ के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों ने देश की पावन स्वतन्त्रता में अपनी कुर्बानी देकर जो स्थान बनाया है, वह आज भी अविस्मरणीय है। किन्तु यह गाँव शिक्षा के क्षेत्र में जू० हा० स्कूल स्तर की शिक्षा तक ही परिषदीय विद्यालय पर आश्रित था। अतः शिक्षा का स्तर बहुत ही पिछ्डा एवं सोचनीय था, तथा आगे की तमाम समस्याओं से ग्रसित था।

स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व० बाबु रामरतन पाठक की प्रेरणा एवं प्रयास से जुनियर स्तर तक पञ्चायत घर में संस्था का शुभारम्भ क्षेत्रीय स्वामी श्री हीरानन्द के नाम पर सन् १९६८ से हुआ। संस्था उत्तरोत्तर बिकास करते हुए आज महाविद्यालय के रूप में राठ - हमीरपुर, राजमार्ग पर थाना बिवाँर के पास स्थित है। इस पिछ्डे क्षेत्र के छात्र - छात्राओं की शिक्षा की महती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा इस महाविद्यालय को बुन्देलखण्ड महाविद्यालय से सम्बद्द्ता कला संकाय के (हिन्दी भाषा, अंग्रेजी भाषा, संस्कृत भाषा, हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, संस्कृत साहित्य, इतिहास, समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, पर्यावरण आदी विषयों) के अध्ययन, अध्यापन हेतु प्रदान की गयी है। महाविद्यालय भवन ११ एकड के विशाल भूखन्ड पर स्थित है। महाविद्यालय का निजी, सुसज्जित एवं भव्य भवन तैयार है। जहाँ छात्र - छात्राओं के लिये स्वच्छ शौचालय, बिजली, जनरेटर तथा सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था है।

प्रबन्धक
श्री हीरानन्द महाविद्यालय, बिवार हमीरपुर

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TITLE - Jun-24-2021

TITLE - JAN-26-2016
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